योजना का उद्देश्य
यह योजना बिहार की महिलाओं को स्वरोजगार (self-employment) के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने और आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए डिज़ाइन की गई है। इसका लक्ष्य महिलाओं को उद्यमी बनने के अवसर देना है। आपकी मदद से परिवारों की आय बढ़ेगी और आंतरिक आर्थिक विकास में योगदान मिलेगा।
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वित्तीय सहायता की रूपरेखा
प्रारंभिक सहायता:
प्रत्येक परिवार की एक महिला को शुरू में ₹10,000 सीधे उनके बैंक खाते में हस्तांतरित किया जाएगा — यह राशि आत्मनिर्भरता के लिए पहला कदम है।
आगे बढ़ने पर अतिरिक्त सहायता:
यदि महिला छह महीने तक अपने स्वरोजगार को सक्रिय रूप से चलाती है और संबंधित मानकों को पूरा करती है, तो उसे ₹2 लाख तक अतिरिक्त सहायता दी जा सकती है — यह व्यवसाय को मजबूत बनाने हेतु है।
डिज़बर्समेंट की समयसीमा:
आवेदन प्रक्रिया अगस्त अंत (29 अगस्त 2025) में कैबिनेट द्वारा मंजूरी के बाद शुरू हुई, और पहली किस्त सितंबर 2025 से ही सीधे महिलाओं के खातों में आती रहेगी।
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पात्रता और शर्तें
लाभार्थी को बिहार की निवासी महिला होना अनिवार्य है।
एक परिवार से केवल एक महिला इस योजना का लाभ ले सकती है।
आवेदन के लिए आधार कार्ड होना आवश्यक है—आवेदन प्रक्रिया आधार से जुड़ी है और इसके बिना आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।
जीविका (JEEViKA) के स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ना भी अक्सर अनिवार्य माना गया है खासकर ग्रामीण महिलाओं के लिए।
आय और उम्र संबंधी शर्तें हो सकती हैं; जैसे आयकरदाता न होना, सरकारी सेवाओं में न होना आदि—अधिक जानकारी के लिए संबंधित सरकारी पोर्टल या नजदीकी कार्यालय देखें।
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आवेदन प्रक्रिया (ऑनलाइन/ऑफलाइन)
शहरी क्षेत्रों में:
मुख्यमंत्री द्वारा विशेष रूप से एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया गया है, जहां आधार, बैंक विवरण, पासपोर्ट साइज फोटो आदि अपलोड कर आवेदन किया जा सकता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में:
आवेदन ऑफलाइन किए जाते हैं—महिलाएं जीविका समूह या ग्राम स्तर के संगठनों से आवेदन प्रक्रिया में जुड़ती हैं और दस्तावेज स्थानीय प्रखंड इकाई तक जमा किए जाते हैं।
अभियान/जागरूकता:
योजना की जानकारी प्रसारित करने हेतु 250 जागरूकता वाहन रवाना किए गए हैं, जो अगले 20 दिनों तक विभिन्न क्षेत्रों में वीडियो और अन्य माध्यमों से जानकारी देंगे।
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संभावित उद्यम के क्षेत्र
इस योजना में कुल 18 तरह के व्यवसाय समर्थित हैं, जैसे:
फल–सब्ज़ी की दुकान
किराना स्टोर
मोबाइल रिपेयरिंग
ब्यूटी पार्लर
कपड़े की दुकान
बकरी पालन, मुर्गी पालन
ई-रिक्शा संचालन
या कोई अन्य स्थानीय व्यवसाय, जिसे लाभार्थी चुन सकती है।
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सरकार का दृष्टिकोण और साझा इतिहास
इस योजना की नींव व्यापक जन संवाद (Mahila Samvad) और महिलाओं की मांगों पर आधारित है।
बिहार सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु पहले भी 2006 में पंचायतों में 50% आरक्षण, शराबबंदी, स्कॉलरशिप, साइकिल योजना आदि पहल की हैं। वर्तमान में JEEViKA के अंतर्गत 1.4 करोड़ महिलाएं 11 लाख SHG में जुड़ी हैं।
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सारांश तालिका
विषय विवरण
लक्ष्य समूह बिहार की महिलाएं (एक महिला प्रति परिवार)
प्रारंभिक सहायता ₹10,000 (एकमुश्त)
अतिरिक्त सहायता ₹2 लाख तक (6 माह के बाद)
आवेदन माध्यम शहरी (ऑनलाइन पोर्टल), ग्रामीण (ऑफलाइन, जीविका से)
अनिवार्य दस्तावेज आधार कार्ड, बैंक विवरण, पहचान पत्र आदि
विशेष
अभियान जागरूकता वाहनों द्वारा प्रचार
उद्यम विकल्प दुकान, ब्यूटी पार्लर, पशुपालन, ई-रिक्शा आदि